700 रुपये की नौकरी करता था ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ का ये स्टार, पहचाना?


Tanmay Vekaria Struggle Story: साल 2008 में असित मोदी एक सीरियल लेकर आए जो कॉमेडी भी है और इसमें कई सोशल मैसेज भी दिए जाते हैं. इस शो का नाम ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ है जिसमें कई एक्टर्स और एक्ट्रेसेस की किस्मत बन गई. घर घर लोग उन्हें जानने लगे और उन एक्टर्स में से एक तन्मय वेकरिया की भी कहानी है जिन्हें आमतौर पर लोग ‘बाघा’ के नाम से जानते हैं. इस शो में बाघा का किरदार काफी अलग है लेकिन रियल लाइफ में वो बिल्कुल भी बाघा जैसे नहीं हैं, ऐसा एक्टर ने ही बताया है.

तन्मय वेकरिया ने वैसे तो कई सारे टीवी शोज में काम किया है लेकिन जो लोकप्रियता उन्हें ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ से मिली वो दूसरे से न मिली. तन्मय बताते हैं कि जब भी उन्हें कोई देखता है तो उनके रियल नेम से ज्यादा बाघा के नाम से पुकारते हैं और ये उनके लिए गर्व की बात है. चलिए आपको तन्मय वेकरिया के संघर्ष की कुछ खास बात बताते हैं.

तन्मय वेकरिया की फैमिली

साल 1981 में गुजरात के सूरत में तन्मय वेकरिया का जन्म हुआ था. तन्मय एक गुजराती परिवार को बिलॉन्ग करते हैं और इनकी फैमिली एक मध्यम वर्गीय थी. तन्मय के अलावा उनका एक छोटा भाई है जो अब सीए के तौर पर काम कर रहा है. तन्यम ने ग्रेजुएशन करने के बाद थिएटर ज्वाइन किया क्योंकि उन्हें एक्टर ही बनना था.


जोश टॉक में तन्मय ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए अपना फैमिली बैकग्राउंड बताया था. 30 साल की उम्र तक तन्मय की शादी हो चुकी थी और वो एक बेटी के पिता भी बन गए थे. तन्मय वेकरिया का संघर्ष काफी लंबा रहा लेकिन अंत में उन्हें सफलता मिली.

तन्मय वेकरिया के संघर्ष और सफलता के दिन
तन्मय वेकरिया ने बताया कि वो गुजरात के सूरत में एक थिएटर ज्वाइन कर चुके थे. वहां वो अच्छा काम कर रहे थे लेकिन थिएटर में इनकम नहीं हो पाती है. उनके पिता ने नौकरी के लिए दबाव बनाया तो उन्होंने अपने मामा के यहां नौकरी कर ली जो सीए थे और मुंबई में रहते थे. तन्मय को मामा के यहां 700 रुपये की सैलरी मिलती थी और इससे उनका खर्चा नहीं चल पाता था फिर भी वो संघर्ष करते रहे.

नौकरी के साथ वो थिएटर भी करते थे. शुरुआती दिनों में तन्मय ने दिलीप जोशी के प्ले में दिशा वकानी के साथ काम किया. कई सालों की परेशानी के बाद उन्हें एक शो मिला जिसमें उन्होंने स्मृति ईरानी के छोटे भाई का रोल प्ले किया. इसके बाद उन्हें छोटे-मोटे काम मिलते थे जो टीवी शोज में कैमियो टाइप होता था. तन्मय वेकरिया ने बताया कि उन्होंने लगभग 10 सालों तक धक्के खाए, परेशानी झेली और उस समय वो डिप्रेशन में भी गए.

साल 2010 में उन्हें तारक मेहता का उल्टा चश्मा मिला जिससे उनकी किस्मत पलटी. एक्टर ने बताया कि वो ऑडिशन उन्होंने बिना मन के दिया था लेकिन वही जादुई झड़ी जैसी साबित हुई और रातों रात वो स्टार बन गए.

तन्मय वेकरिया के टीवी शोज

तन्मय वेकरिया ने ‘ढूंढते रह जाओगे’, ‘एफआईआर’, ‘भले पधार्या’, ‘समय चक्र’ और ‘घर घर की वात’ जैसे टीवी शोज किए हैं. तन्मय ने ढेरों गुजराती टीवी सीरियल भी किए हैं. तन्मय वेकरिया को आज लोग बाघा के नाम से जानते हैं और यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने काफी मेहनत भी की है.

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